• الصفحة الرئيسيةخريطة الموقعRSS
  • الصفحة الرئيسية
  • سجل الزوار
  • وثيقة الموقع
  • اتصل بنا
English Alukah شبكة الألوكة شبكة إسلامية وفكرية وثقافية شاملة تحت إشراف الدكتور سعد بن عبد الله الحميد
الدكتور سعد بن عبد الله الحميد  إشراف  الدكتور خالد بن عبد الرحمن الجريسي
  • الصفحة الرئيسية
  • موقع آفاق الشريعة
  • موقع ثقافة ومعرفة
  • موقع مجتمع وإصلاح
  • موقع حضارة الكلمة
  • موقع الاستشارات
  • موقع المسلمون في العالم
  • موقع المواقع الشخصية
  • موقع مكتبة الألوكة
  • موقع المكتبة الناطقة
  • موقع الإصدارات والمسابقات
  • موقع المترجمات
 كل الأقسام | مقالات شرعية   دراسات شرعية   نوازل وشبهات   منبر الجمعة   روافد   من ثمرات المواقع  
اضغط على زر آخر الإضافات لغلق أو فتح النافذة اضغط على زر آخر الإضافات لغلق أو فتح النافذة
  •  
    الغايات والأهداف من بعثة الرسول صلى الله عليه ...
    أبو سلمان راجح الحنق
  •  
    آيات الصفات وأحاديثها
    الشيخ عبدالعزيز السلمان
  •  
    صحبة النور
    دحان القباتلي
  •  
    منهج أهل الحق وأهل الزيغ في التعامل مع المحكم ...
    د. عبدالسلام حمود غالب
  •  
    بلدة طيبة ورب غفور (خطبة)
    الشيخ عبدالله بن محمد البصري
  •  
    مواقيت الصلوات: الفرع الرابع: وقت صلاة العشاء
    يوسف بن عبدالعزيز بن عبدالرحمن السيف
  •  
    تلقي الركبان
    عبدالرحمن بن يوسف اللحيدان
  •  
    خطبة: الأعمال الصالحة وثمراتها
    عدنان بن سلمان الدريويش
  •  
    التربية القرآنية (خطبة)
    أبو سلمان راجح الحنق
  •  
    حكم سواك الصائم بعد الزوال
    يحيى بن إبراهيم الشيخي
  •  
    النهي عن التسمي بسيد الناس أو بسيد ولد لآدم لغير ...
    فواز بن علي بن عباس السليماني
  •  
    آية الله في المستبيحين مدينة البشير والنذير ...
    د. عبدالله بن يوسف الأحمد
  •  
    خطبة (النسك وواجباته)
    الدكتور علي بن عبدالعزيز الشبل
  •  
    خطبة: وحدة الكلمة واجتماع الصف
    الشيخ الدكتور صالح بن مقبل العصيمي ...
  •  
    سلسلة آفات على الطريق (1): الفتور في الطاعة
    حسان أحمد العماري
  •  
    سلسلة شرح الأربعين النووية: الحديث (33) «البينة ...
    عبدالعزيز محمد مبارك أوتكوميت
شبكة الألوكة / آفاق الشريعة / منبر الجمعة / الخطب / الذكر والدعاء
علامة باركود

أحاديث عن شر الخبيث (1) (باللغة الهندية)

أحاديث عن شر الخبيث (1) (باللغة الهندية)
حسام بن عبدالعزيز الجبرين

مقالات متعلقة

تاريخ الإضافة: 3/8/2022 ميلادي - 6/1/1444 هجري

الزيارات: 5847

 حفظ بصيغة PDFنسخة ملائمة للطباعة أرسل إلى صديق تعليقات الزوارأضف تعليقكمتابعة التعليقات
النص الكامل  تكبير الخط الحجم الأصلي تصغير الخط
شارك وانشر

शीर्षक:

खबीस शैतान के दुष्‍टता से संबंधित ह़दीसें


प्रथम उपदेश:

प्रशंसा के पश्‍चात


मैं आपको और स्‍वयं को अल्‍लाह के तक्‍़वा धार्मिकता की वसीयत 3333 करता हुं,जो व्‍यक्ति अल्‍लाह का तक्‍़वा अपनाता है उसका हृदय संतुष्‍ट रहता और जीवन सुखद रहती है:

﴿ مَنْ عَمِلَ صَالِحًا مِّن ذَكَرٍ أَوْ أُنثَى وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَلَنُحْيِيَنَّهُ حَيَاةً طَيِّبَةً وَلَنَجْزِيَنَّهُمْ أَجْرَهُم بِأَحْسَنِ مَا كَانُواْ يَعْمَلُونَ ﴾[النحل: 97]

अर्थात:जो भी सदाचार करेगा,वह नर हो अथवा नारी,और ईमान वाला हो तो हम उसे स्‍वच्‍छ जीवन व्‍यतीत करायेंगे और उन्‍हें उन का पारिश्रमिक उन के उत्‍तम कर्मों के उनुसार अवश्‍य प्रदान करेंगे


रह़मान के बंदो स्‍वर्ग और अल्‍लाह की प्रसन्‍नता सबसे बड़ा उद्देश्‍य व लक्ष्‍य है,किंतु शैतान हमें इससे वंचित रखने के लिये प्रयासरत है,नरक और रब की नाराजगी सबसे भयावक चीज है,किुंतु हमें इस हानी से प्रभावित करने के लिये प्रयासरत है,इसी लिये अनेक स्‍थानों पर शैतान से अल्‍लाह का शरण मांगने की मशरूई़यत आई है और अनेकों ह़दीसों में शैतान की शत्रुता स्‍पष्‍ट की गई है,अल्‍लाह हमें इससे सुरक्षित रखे,आइये हम खबीस शैतान के दुष्‍टता संबंधित कुछ ह़दीसों पर चर्चा करते हैं..

हमें नबी सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने इस शत्रुता की सूचना दी है जो अऩतकाल से ही हमारा पीछा करती रहती है,ह़दीस में आया है कि: पैदा होने वाला जो भी बच्‍चा पैदा होता है शैतान उसको कचोका लगाता है,सिवाय ह़ज़रत इब्‍ने मरयम और उनकी माता के,फिर अबूहोरैरा रज़ीअल्‍लाहु अंहु ने कहा:यदि तुम चाहो तो यह पढ़ो:

﴿ وَإنِّي أُعِيذُهَا بكَ وَذُرِّيَّتَهَا مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ ﴾ [آل عمران: 36]

अर्थात:और मैं उसे तथा उस की संतान को धिक्‍कारे हुये शैतान से तेरी शरण में देता हूँ


इस ह़दीस को बोखारी व मुस्लिम ने वर्णन किया है


अल्‍लाह के बंदो शैतान चाहता है कि सोते जागते और खाते पीते,हमेशा मनुष्‍य के साथ लगा रहे,ह़दीस में आया है: जब मनुष्‍य अपने घर में जाता है और घर में प्रवेश होते समय और खाना खाते समय अल्‍लाह का नाम लेता है तो शैतान अपने साथियों और अनुयायियों से कहता है कि न तुम्‍हारे यहां रहने का ठिकाना है और न खाना है और जब घर में प्रवेश होते समय अल्‍लाह तआ़ला का नाम नहीं लेता तो शैतान कहता है कि मुम्‍हें रहने का ठिकाना मिल गया और जब खाते समय भी अल्‍लाह तआ़ला का नाम नहीं लेता तो शैतान कहता है कि तुम्‍हारे रहने का ठिकाना भी हुआ और खाना भी मिला इसे मुस्लिम ने वर्णित किया है


इस ह़दीस में यह निर्देश दी गई है कि खाना खाते समय और घर में प्रवेश करते हुए بسم اللہ पढ़ना चाहिये,एक दूसरी ह़दीस में यह शिक्षा दी गई है कि जो निवाला गिर जाए इसे उठा कर खालेना चाहिये और शैतान के लिये नहीं छोड़ना चाहिये,ह़दीस के शब्‍द हैं: शैतान तुम में से हर एक की हर हालत में उसके पास उपस्थ्ति होता है यहां तक कि खाने के समय भी,जब तुम में से किसी से निवाला गिर जाए तो जो कुछ उसमे लग गया है,उसे साफ करके खाले और उसे शैतान के लिये न छोड़े इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है


रह़मान के बंदो तौह़ीद एकेश्‍वरवाद के पश्‍चात नमाज़ सबसे बड़ा प्रार्थना है,इसी लिए शैतान नमाज़ी कोवसवसा में डालने का प्रयास करता है,सह़ी मुस्लिम की ह़दीस में आया है: उ़समान बिन अबूलआ़स रज़ीअल्‍लाहु अंहु नबी करीम सलल्‍लाहु अलै‍हि वसल्‍लम के पास आए और कहा:हे अल्‍लाह के रसूल शैतान मेरी नमाज़ में रोकावट बनता है और मुझे क़ूरान भुला देता है,आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने फरमाया कि उस शैतान का नाम खनज़ब है,जब तुझे उस शैतान का बोध हो तो उससे अल्‍लाह का शरण मांग और नमाज़ के अंदर ही बाएं ओर तीन बार थूक ले,उ़समान रज़ीअल्‍लाहु अंहु ने कहा कि मैंने ऐसा ही किया,फिर अल्‍लाह तआ़ला ने उस शैतान को मुझसे दूर कर दिया


दूसरी ह़दीस में आया है कि: जब नमाज़ के लिये अज़ान कही जाती है तो शैतान पाद छोड़ता हुआ भाग जाता है,जब अज़ान समाप्‍त हो जाए तो वापस आजाता है,फिर जब ईक़ामत क‍ही जाती है तो फिर दुम दबा कर भाग निकलता है,जब वह समाप्‍त होजाती है तो फिर वापस आजाता है,और नमाज़ी के हृदय में वस्‍वसे और ख्‍यालों को डालने लगता है और कहता है:अमुक कार्य याद करो,अमुक चीज याद करो,यहां तक कि नमाज़ी का याद नहीं रहता कि उसने तीन रकअ़तें पढ़ीं हैं या चार,तो जब स्थिति‍ ऐसी हो जाए कि उसे तीन या चार रकअ़तें पढ़ने का पता न चले तो स्‍हव भूल के दो सज्‍दे करले बोखारी व मुस्लिम


मोमिन भाइयो शैतान मनुष्‍यों के बीच शत्रुता पैदा करने और विशेस रूप से परिवार के सदस्‍यों में शत्रुता पैदा करने में पूरा प्रयास करता है,अत: ह़दीस में आया है: इब्‍लीस अपना सिंहासन पानी पर बिछाता है,फिर वह अपनी सेना भेजता है,उसके सबसे निकट वह होता है जो सबसे बड़ा विवाद व खटपट उतपन्‍न करता है,उनमें से एक आकर कहता है:मैंने अमुक अमुक कार्य किया है,वह कहता है:तुमने कुछ नहीं किया,फिर उनमें से एक आकर कहता है:मैंने उस व्‍यक्ति को जिसके साथ मैं था उस समय तक नहीं छोड़ा यहां तक कि उसके और उसकी पत्‍नी को अलग करदिया,कहा:वह उसको अपने निकट करता है और कहता है:तुम सबसे अच्‍छा हो इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है


एक अन्‍य ह़दीस में ये शब्‍द आए हैं: शैतान इस बात से निराश हो गया कि अ़रब द्वीप में नमाज़ पढ़ने वाले उसकी पूजा करेंगे किंतु वह उनके बीच विवाद कराने से निराश नहीं हुआ मुस्लि


इस लिये हमें इस शत्रु से होशियार रहना चाहिये जो स्‍वेद हमारे पीछे लगा रहता है,सह़ी ह़दीस में आया है: तुम में से प्रत्‍येक व्‍यक्ति के साथ अल्‍लाह ने जिनों में से एक साथी और देवदूतों में से एक साथी लगा दिया है,सह़ाबा ने पूछा:हे अल्‍लाह के रसूल आपके साथ भी आपने फरमाया:मेरे साथ भी,किंतु अल्‍लाह तआ़ला ने इस जिन के प्रति मेरी सहायता की है और वह मुसलमान हो गया,इस लिये अब वह मुझे अच्‍छाई के अतिरिक्‍त कोई बात नहीं कहता मुस्लि


हे अल्‍लाह हम शैतान की दुष्टता और शिर्क से तेरा शरण चाहता हैं,हे अल्‍लाह हमें शैतान के मार्गों पर चलने से सुरक्षित रख,आप अल्‍लाह से क्षमा मांगे,नि:संदेह वह अति क्षमा करने लावा है


द्वतीय उपदेश:

प्रशंसाओं के पश्‍चात:

अल्‍लाह के बंदो क्रोध शैतान की ओर से होता है: नबी सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम के सामने दो व्‍यक्तियों ने आपस में गाली गलोज किया-उनमें से एक को क्रोध हुआ और उसका चेहरा लाल होने लगा-आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने उसकी ओ देखा और फरमाया: मुझे एक ऐसे कलमाका ज्ञान है यदि यह व्‍यक्ति वह कल्‍मा कहदे तो उससे यह क्रोध समाप्‍त हो जाएगा,हव कल्‍मा है: أَعُوذُ باللَّهِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ" मुस्लिम


कितनी ही कठिनाइयां ऐसी हैं जो क्रोध के कोख से जन्म लेती हैं


हे ईमा‍नी भाइयो शैतान उस व्‍यक्ति को भी नहीं छोड़ता जो नींद में होता है यदि वह भयावकसपनों के द्वारा उसे कष्‍ट पहुंचाने की शक्ति रखता हो तो ऐसा अवश्‍य करता है,ह़दीस के शब्‍द हैं: अच्‍छा सपना अल्‍लाह तआ़ला की ओर से होता है और बुरा सपना शैतान की ओर से,अत: जब तुम में से कोई बुरा सपना देखे तो उससे अल्‍लाह की शरण मांगे और अपनी बाएं ओर थूक दे,फिर यह सपना उसे कोई हानी नहीं पहुंचा सकेगा बोखारी व मुस्लिम


शैतान का प्रयास होता है कि सोए हुए व्‍यक्ति को नमाज़ से दूर करदे,नबी सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम की ह़दीस है: जब नमुष्‍य रात के समय सोजाता है तो शैतान उसके मस्तिष्‍क पर तीन गांठ लगाता है,प्रत्‍येक गांठ पर फूंक देतो है कि अभी तो बहुत रात बाकी है सो जाओ,फिर मनुष्‍य यदि उठ गया और अल्‍लाह का जिक्र किया तो एक गांठ खुल जाता है,यदि उसने वज़ू कर लिया तो दूसरा गांठ खुल जाता है,उसके बाद यदि उसने नमाज़ पढ़ी तो तीसरा गांठ खुल जाता है,फिर सुबह को प्रसन्‍न और कुशलमंगल सा रहता है,अन्‍यथा सुबह के समय उखड़ा-उखड़ा सा और आलसी सा रहता है बोखारी व मुस्लिम


हे मोमिनो शैतान का षड्यंत्र बड़ा खतरनाक होता है किंतु वह एतना निर्बल होता है कि ईमान और अल्‍लाह पर विश्‍वास के सामने पराजित हो जाता है:

﴿ إِنَّهُ لَيْسَ لَهُ سُلْطَانٌ عَلَى الَّذِينَ آمَنُواْ وَعَلَى رَبِّهِمْ يَتَوَكَّلُونَ ﴾ [النحل: 99]

अर्थात:वस्तुत: उस का वश उन पर नहीं है जो ईमान लाये हैं,और अपने पालनहार ही पर भरोसा करते हैं


अल्‍लाह से शरण मांगने और उसका जिक्र करने से शैतान दूर भाग जाता है,नबवी सुन्‍नत में अनेकों ऐसी ह़दीसें दुआ़एं आई हैं जिन के द्वारा अल्‍लाह बंदे को शैतान से सुरक्षित रखता है,उदाहरण स्‍वरूप यह ह़दीस: जो व्‍यक्ति दिन भर में सौ बार यह दुआ़ पढ़ेगा: لا إلَهَ إلَّا اللَّهُ وحْدَهُ لا شَرِيكَ له، له المُلْكُ وله الحَمْدُ، وهو علَى كُلِّ شيءٍ قَدِيرٌ वह व्‍यक्ति सारा दिन शाम तक शैतान से सुरक्षित रहेगा बोखारी व मुस्लिम


तथा यह ह़दीस कि: जो व्‍यक्ति घर से निकलते समय यह दुआ़ पढ़े: (بِسمِ اللهِ، توكَّلتُ على اللهِ، لا حَولَ ولا قوَّةَ إلَّا باللهِ)उससे कहा जाएगा:तुम्‍हारी किफायत करदी गई,तुम्‍हें हिदायम प्रदान की गई और तुम शत्रु के दुष्टता से बचा लिये गए और शैतान तुम से दूर हो गया इस ह़दीस को अल्‍बानी ने सह़ी कहा है


और यह ह़दीस कि: तुम अपने घरों को कब्रिस्‍तान न बनाओ,शैतान उस घर से भागता है जिस में सूरह بقرۃ पढ़ी जाती है मुस्लिम


इसी प्रकार सोने के समय آیۃ الکرسی पढ़ने और खाने-पीने,घर में प्रवेश करने,सौचालय में जाने और संभोग करने के समय بسم اللہ कहने अर्थात दुआ़ पढ़ने से अल्‍लाह तआ़ला बंदे को शैतान से सुरक्षित रखता है,जैसा कि सह़ी ह़दीसों में आया है


अंतिम बात:जागने और सोने,खाने और पीन,नमाज़ और प्रार्थना,संबंधों एवं मामलों,अर्थात कि प्रत्‍येक परिस्थिति में शैतान हमारे घात और अव्सर की खोज में लगा रहता है,इस लिये हमें उस पवित्र हस्‍ती से उससे सामना करने के लिये सहायता मांगनी चाहिए जो उस पर सक्षमहै,वह इस प्रकार से कि हम अल्‍लाह का जिक्रकरें,ईमान को सशक्‍त और शैतान से अल्‍लाह का शरण मांगें


इस बात से सचेत रहें कि शैतान हमें गुमराह करने में व्‍यस्त रहे और हम उससे गाफिल रहें


आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम पर दरूद पढ़ें...


صلی الله عليه وسلم

 





 حفظ بصيغة PDFنسخة ملائمة للطباعة أرسل إلى صديق تعليقات الزوارأضف تعليقكمتابعة التعليقات
شارك وانشر

مقالات ذات صلة

  • أحاديث عن شر الخبيث (1)
  • أحاديث عن شر الخبيث (2) (خطبة)
  • الاعتراف يهدم الاقتراف (باللغة الهندية)
  • خطبة: أحاديث عن شر الخبيث (1) (باللغة النيبالية)
  • خطبة: أحاديث عن شر الخبيث (1) - باللغة البنغالية

مختارات من الشبكة

  • شرح أحاديث الطهارة(مقالة - آفاق الشريعة)
  • خطبة: {وأنيبوا إلى ربكم} (باللغة البنغالية)(مقالة - آفاق الشريعة)
  • من مشكاة النبوة (5) "يا أم خالد هذا سنا" (خطبة) - باللغة النيبالية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • فقه يوم عاشوراء (باللغة الفرنسية)(كتاب - موقع د. عبدالعزيز بن سعد الدغيثر)
  • كيفية الصلاة على الميت: فضلها والأدعية المشروعة فيها (مطوية باللغة الأردية)(كتاب - مكتبة الألوكة)
  • تخريج أحاديث البزدوي لأبي العدل قاسم بن قطلوبغا(مقالة - ثقافة ومعرفة)
  • الجمع بين حديث "من مس ذكره فليتوضأ"، وحديث "إنما هو بضعة منك": دراسة حديثية فقهية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • تخريج ودراسة أحاديث مواهب الرحمن في تفسير القرآن للشيخ عبد الكريم المدرس (PDF)(رسالة علمية - مكتبة الألوكة)
  • أحاديث الخيرية في صحيحي الإمامين البخاري ومسلم (PDF)(كتاب - مكتبة الألوكة)
  • مخطوطة الفتوحات الإلهية في أحاديث خير البرية(مخطوط - مكتبة الألوكة)

 



أضف تعليقك:
الاسم  
البريد الإلكتروني (لن يتم عرضه للزوار)
الدولة
عنوان التعليق
نص التعليق

رجاء، اكتب كلمة : تعليق في المربع التالي

مرحباً بالضيف
الألوكة تقترب منك أكثر!
سجل الآن في شبكة الألوكة للتمتع بخدمات مميزة.
*

*

نسيت كلمة المرور؟
 
تعرّف أكثر على مزايا العضوية وتذكر أن جميع خدماتنا المميزة مجانية! سجل الآن.
شارك معنا
في نشر مشاركتك
في نشر الألوكة
سجل بريدك
  • بنر
  • بنر
كُتَّاب الألوكة
  • مركز تعليمي إسلامي جديد بمنطقة بيستريتشينسكي شمال غرب تتارستان
  • 100 متطوع مسلم يجهزون 20 ألف وجبة غذائية للمحتاجين في مينيسوتا
  • مسابقة الأحاديث النبوية تجمع أطفال دورات القرآن في بازارجيك
  • أعمال شاملة لإعادة ترميم مسجد الدفتردار ونافورته التاريخية بجزيرة كوس اليونانية
  • مدينة نابريجناي تشلني تحتفل بافتتاح مسجد "إزجي آي" بعد تسع سنوات من البناء
  • انتهاء فعاليات المسابقة الوطنية للقرآن الكريم في دورتها الـ17 بالبوسنة
  • مركز ديني وتعليمي جديد بقرية كوياشلي بمدينة قازان
  • اختتام فعاليات المسابقة الثامنة عشرة للمعارف الإسلامية بمدينة شومن البلغارية

  • بنر
  • بنر

تابعونا على
 
حقوق النشر محفوظة © 1447هـ / 2025م لموقع الألوكة
آخر تحديث للشبكة بتاريخ : 27/3/1447هـ - الساعة: 4:22
أضف محرك بحث الألوكة إلى متصفح الويب