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حديث الرؤيا (خطبة) (باللغة الهندية)

حديث الرؤيا (خطبة) (باللغة الهندية)
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تاريخ الإضافة: 5/12/2022 ميلادي - 12/5/1444 هجري

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शीर्षक:

सपने वाली ह़दीस


अनुवादक:

फैज़ुर रह़मान ह़िफज़ुर रह़मान तैमी


प्रथम उपदेश:

प्रशंसाओं के पश्चात


समस्त मुसलमान अल्लाह के नबी इबराहीम अलैहिस्सलाम के इस कहानी से अवज्ञत हैं कि अल्लाह ने उन को आदेश दिया कि अपने प्रिय पुत्र को ज़ब्ह़ करदें,अल्लाह ने आप को किस प्रकार से आदेश दिया यह भी सबको मालूम है,यह आदेश आप अलैहिस्सलाम को सपने के द्वारा मिला:

﴿ يَا بُنَيَّ إِنِّي أَرَى فِي الْمَنَامِ أَنِّي أَذْبَحُكَ ﴾ [الصافات: 102]

अर्थात:हे मेरे प्रिय पुत्र मैं देख रहा हूँ स्वपन में कि मैं तुझे बध कर रहा हूँ।


पैगंबरों के सपने सत्य होते हैं,मैं आप के समक्ष एक श्रेष्ट ह़दीस प्रस्तुत करता हूँ जिस में नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक ऐसे यात्रा की घटना बयान की जो आप के साथ सपने में आया,इस घटने में आप ने बर्ज़ख़ (आड़: वह अवधि जो मृत्यु तथा प्रलय के बीच होगी।) में यातना पाने वालों और उपकार से लाभान्वित होने वालों के प्रति अपने अवलोकनों का उल्लेख किया है।


इमाम बोख़ारी ने सुमरह बिन जुनदुब रज़ीअल्लाहु अंहु से वर्णित किया है,उन्होंने कहा:रसूलुल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम प्रचुर्ता के साथ सह़ाबा से फरमाया करते थे: क्या तुम में से किसी ने कोई सपना देखा है जिस ने सपना देखा होता वह अल्लाह तआ़ला की तौफीक़ से आप को बयान करता।आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक सुबह़ फरमाया:आज रात मेरे पास दो आने वाले आए,उन्होंने मुझे उठाया और मुझ से कहा: (हमारे साथ) चलो।मैं उन के साथ चल दिया,अत: हम एक व्यक्ति के पास आए जो लेटा हुआ था और दूसरा व्यक्ति उसके पास एक पत्थर लिए खड़ा था।अचानक वह उस के सर पर पत्थर मारता तो उस का सर तोड़ देता ओर पत्थर लुढ़क कर दूर चला जाता।वह पत्थर के पीछे जाता और उसे उठा लाता।उस के वापस आने से पहले ही दूसरे का सर ठीक हो जाता जैसा कि पहले था।खड़ा हुआ व्यक्ति फिर उसी प्रकार से मारता और वैसा ही होता जैसे पहले हुआ था।आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:मैं ने उन दोनों से कहा:سبحان اللہ! क्या बात है ये दोनों व्यक्ति कौन हैं उन्होंने कहा:आगे चलो।आगे चलो।हम चल दिये तो एक व्यक्ति के पास पहुँचे जो पीठ के बल चित लेटा हुआ था।और दूसरा व्यक्ति उस के पास लोहे का आंकड़ा लिए खड़ा था।वह उस के चेहरे के ओर आता और उस के जबड़े को भेजातक,उसके नथुने को भेजातक चीर देता।फिर चेहरे की दूसरी ओर जाता और उधर भी उसी प्रकार से चीरता जिस प्रकार से उस ने पहली ओर किया था।वह अभी दूसरी ओर समाप्त भी नहीं करता था कि पहली ओर ठीक हो जाता।फिर दोबारा वह उसी प्रकार से करता जिस प्रकार से उस ने पहले किया थाआप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: मैंने उनसे कहा: سبحان الله! ये दोनों कौन हैं उन्हों ने कहा:आगे चलो,आगे चलो,अत: हम आगे चले।फिर हम एक भट्ठीजैसी चीज़ पर आए।उस में शोर-गु़ल की आवाज़ थी।हम ने झांक कर देखा तो उस में नंगे पुरूष एवं नंगी महिलाएं थीं।जब उन के पास नीचे से आग का शोला आता तो वे चिल्लाने लगते।मैं ने उन दोनों से पूछा:ये कौन हैं तो उन्हों ने कहा:आगे चलो आगे चलो,अत: हम आगे बढ़े और एक नहर पर आए।वह नहर रक्त के जैसा लाल थी। उस में एक तैरने वाले व्यक्ति तैर रहा था।नहर के किनारे और व्यक्ति था जिस के पास बहुत से पत्थर इकट्ठा थे।जब तैरने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति के पास पहुँचता जिस ने पत्थर इकट्ठा कर रखे थे तो वह उस का मुँह खोल देता और बलपूर्वक पत्थर मार कर उसे पीछे धकेल देता और वह फिर तैरने लगता।फिर उस के पास लौट कर आता जैसे पहले आया था तो वह उस का मुँह खोल देता और मुँह पर बलपूर्वक पत्थर मार कर उसे पीछे धकेल देता।मैं ने पूछा:य कौन हैं उन्होंने कहा:आगे चलो,आगे चलो,अत: हम आगे बढ़े तो एक अत्यंत कुरूपव्यक्ति के पास पहुँचे जितने कुरूपतुम ने देखे होंगे वह उन सब से अधिक कुरूपथा।उस के पास आग जल रही थी और वह उसे अधिक तेज कर रहा था और उस के इर्द गिर्द दौड़ रहा था।मैं ने उन दोनों से पूछा:ये क्या बात है उन्होंने मुझ से कहा:आगे चलो,आगे चलो।हम बढ़े तो एक ऐसे बागीचे में पहुँचे जो हरा भरा था और उस में वसंत ऋतुके सारे फूल थे।उस बाग में एक लंबे कद वाला व्यक्ति था,एतना लंबा कि मेरे लिए उस का सर देखना मुश्किल हो गया।मानो वह आकाश से बातें कर रहा था।उस के आस पास अनेक बच्चे थे।मैं ने एतने बच्चे कभी नहीं देखे थे।मैं ने उन से पूछा:यह कौन है और बच्चों का क्या मतलब है उन्होंने कहा:आगे चलिए।हम आगे बढ़े तो हम एक विशाल बागीचा पर पहुँचे।मैं ने इतना बड़ा और इतना सुंदर बागीचा कभी नहीं देखा था।उन दोनों ने कहा:इस पर चढ़िए।जब हम उस पर चढ़े तो वहाँ एक ऐसा नगर दिखाई दिया जिस की एक ईट चांदी की और दूसरी ईट सोने की थी।हम उस नगर के दरवाजे पर आए और हम ने उसे खुलवाया तो वह हमारे लिए खोल दिया गया।हम उस में प्रवेश हुए तो हमारा स्वगत ऐसे लोगों ने किया जिन के शरीर का आधा भाग अत्यंत सुंदर और आधा भाग अत्यंत कुरूपथा।आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि उन दोनों साथियों ने लोगों से कहा:इस नहर में कूद जाओ।वहाँ एक नहर बह रही थी जिस का पानी अत्यंत सफेद और साफ था।वे लोग गए और उस में कूद पड़े,फिर जब वह हमारे पास आए तो उन की कुरूपसमाप्त हो गई थी और अब वे अत्यंत सुंदर हो गए थे।उन दोनों ने मुझे कहा:यह अ़दन स्वर्ग है और यह आप की मंजिल है,जब नज़र उूपर उठी तो सफेद बादल के जैसा वहाँ मुझे एक महल नजर आया।उन्होंने मुझे कहा:यह आप का स्थान है।मैं ने उन से कहा:अल्लाह तुम्हे बरकत प्रदान करे।मुझे छोड़ दो ताकि मैं उस महल के अंदर प्रवेश हो जाउूं।उन्होनं कहा:इस समय तो आप नहीं जा सकते किन्तु आगे आप इस में अवश्य प्रवेश होंगे।मैं ने उन से कहा:आज रात मैं ने बहुत अद्भुत चीज़ें देखी हैं।किन्तु जो कुछ मैं ने देखा है उन की क्या वास्तविकता है उन्होंने मुझ से कहा:हम अभी आप को बतलाते हैं,वह प्रथम व्यक्ति जिस के सर को पत्थर से कुचला जा रहा था यह वह व्यक्ति है जो क़ुर्आन सीखता,फिर उसे छोड़ देता और फर्ज़ नमाज़ पढ़े बिना सो जाता था।और वह व्यक्ति जिस के पास आप गए थे और उसका जबड़ा गुद्दी तक,उस के नथुने गुद्दी तक और उसकी आखें गुद्दी तक चीरी जा रही थीं वह ऐसा व्यक्ति है जो सुबह़ अपने घर से निकलता और सारा दिन झूट बोलता रहता यहाँ तक कि दूर तक उस का झूट पहुँच जाता।और नंगे पुरुष एवं नंगी महिलाएं जो भट्ठीमें आप ने देखे वह बलात्कारी पुरूष एवं बलात्कारी महिलाएं थीं।और जिस व्यक्ति के पास आप आए और वह रक्त की नहर में तैर रहा था और उस के मुँह में पत्थर मारे जा रहे थे वह सूद खाने वाला था।और वह कुरूपव्यक्ति जो आग भड़का रहा था और उसके आस पास दौड़ रहा था वह नरक का दरोगा मालिक नाम का फरिश्ता है। और बागीचा में लंबे कद वाले व्यक्ति ह़ज़रत इबराहीम अलैहिस्सलाम थे और उनके आस पास वे बच्चे जौ पैदा हो कर इस्लाम पर मृत्यु हो गए।इस पर कुछ सह़ाबा ने पूछा:अल्लाह के रसूल क्या मुश्रेकीन के बच्चे भी उन में शामिल हैं आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:हाँ,मुश्रेकीन के बच्चे भी उन में शामिल हैं।अब रहे वे लोग जिनका आधा शरीर सुंदर और आधा कुरूपथा तो वे लोग थे जिन्होंने अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के अ़मल किए थे।अल्लाह तआ़ला ने उसे क्षमा प्रदान कर दिया ।इस ह़दीस को बोख़ारी ने वर्णन किया है जैसा कि गुजर चुका है।


हे अल्लाह हमें अपनी प्रिय पुस्तक और अपने अमीन रसूल की सुन्नत से लाभ पहुँचा,हमारे और समस्त मुसलमानों के समस्त पापों को क्षमा प्रदान फरमा हे क्षमाशील व दयालु


द्वतीय उपदेश:

الحمد لله وحده وصلى الله وسلم على نبيه وعبده وعلى آله وصحبه.


प्रशंसाओं के पश्चात:

हमारे रसूल सलल्लाहु अलैहि वसल्लम को इस्रा व मेअ़राज की रात आत्मा एवं शरीर के साथ आकाश की यात्रा पर ले जाया गया,किन्तु इस ह़दीस में आपकी यात्रा केवल आत्मा की थी,ऐसा आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम के साथ कई बार हुआ।


ह़दीस से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

रसूल सलल्लाहु अलैहि वसल्लम का सपना सत्य होता था,इसी प्रकार से अन्य पैगंबरों के सपने भी।सामन्य लोगों के विपरीत,क्योंकि उन के सपन सत्य भी हो सकते हैं और झूट भी और मानसिक विचार भी हो सकते हैं,जैसा कि ह़दीसों में आया है।


अ़मल जैसा होगा बदला भी वैसा ही मिलेगा,अत: जिस व्यक्ति की झूट सारे संसार में फैल जाए उसके मुँह,नाक और आँख चीरे जाएंगे,जो लोगों का धन सूद के द्वारा खाता है,उसके मुँह में पत्थर डाला जाएगा,जो व्यक्ति क़ुर्आन से मुँह मोड़ता है और फर्ज़ नमाज़ छोड़ कर सोया रहता है,उस का सर पत्थर से कुचला जाएगा,इसी प्रकार से ख़ैर के मामले में भी बदला अ़मल के अनुसार ही मिलेगा:

﴿ يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِذَا قِيلَ لَكُمْ تَفَسَّحُوا فِي الْمَجَالِسِ فَافْسَحُوا يَفْسَحِ اللَّهُ لَكُمْ ﴾

अर्थात:हे ईमान वालो जब तुम से कहा जाये कि विस्तार कर दो अपनी सभावों में तो विस्तार कर दो,विस्तार कर देगा अल्लाह तुम्हारे लिये।


और सह़ीह़ ह़दीस में आया है: जिस व्यक्ति ने किसी दरिद्रके लिए आसानी की,अल्लाह तआ़ला उस के लिए दुनिया व आखिरत में आसानी करेगा ।


स्वर्ग और नरक अभी भी अस्तित्व में हैं,क़ुर्आन में स्वर्ग के विषय में आया है:

﴿ أُعِدَّتْ لِلْمُتَّقِينَ ﴾ [آل عمران: 133]

अर्थात:आज्ञाकारियों के लिए तैयार की गयी है।


और नरक के विषय में आया है:

﴿ أُعِدَّتْ لِلْكَافِرِينَ ﴾ [البقرة: 24]

अर्थात:काफिरों के लिए तैयार की गई है।

तैयार की गई है,यह भूतकाल का प्रारूपहै।


क़ुर्आन पर अ़मल को छोड़ने से दूर रहना और फर्ज़ नमाज़ों के समय सोए रहने से बचना अनिवार्य है।


झूट से बचना और सूचना फैलाने से पूर्व अनुसंधानकरना अनिवार्य है,विशेष रूप से ऐसी स्थितियों में जबकि प्रौद्योगिकीने सूचना के प्रसारण को बहुत आसान कर दिया है,जिससे कुछ ही पलों में पूरी दुनिया में सूचना फैल जाती है।


बलात्कारी जोकि बड़ा पाप है,उससे डराया गया है,अल्लाह तआ़ला ने अनेक आयतों में बलात्कारी को शिर्क और हत्या के साथ उल्लेख किया है।


छोटे और कम आयु वाले बच्चे स्वर्ग में इबराहीम अलैहिस्सलाम की निगरानी में हैं और प्रलय तक उन्हीं की निगरानी में रहेंगे।


ह़दीस से यह लाभ भी प्राप्त होता है कि:नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने सह़ाबा से अधिक निकट थे,आप उस से उन के सपने भी पूछेते थे,और आप अलैहिस्सलाम सपने की ताबीर (व्याख्या) से अति अवगत थे।


अल्लाह की विस्तृत रह़मत और अपार कृपा व दया है कि वह उन लोगों के पाप को क्षमा कर देगा जो अच्छे एवं बुरे दोनों अ़मल किए होंगे।


अंतिम बात यह कि हमारे उूपर अनिवार्य है कि हम उन निषेधों से बचते रहें,क्योंकि ये यातना के कारण हैं,और हमें प्रत्येक पाप के पश्चात फोरन तौबा करना चाहिए।


हे अल्लाह हमें और समस्त मुसलमानों को अपने कृपा एवं दया से क्षमा प्रदान फरमा..हे अल्लाह हमारे समस्त पापों को क्षमा प्रदान फरमा।

 

صلى الله عليه وسلم.

 





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