• الصفحة الرئيسيةخريطة الموقعRSS
  • الصفحة الرئيسية
  • سجل الزوار
  • وثيقة الموقع
  • اتصل بنا
English Alukah شبكة الألوكة شبكة إسلامية وفكرية وثقافية شاملة تحت إشراف الدكتور سعد بن عبد الله الحميد
الدكتور سعد بن عبد الله الحميد  إشراف  الدكتور خالد بن عبد الرحمن الجريسي
  • الصفحة الرئيسية
  • موقع آفاق الشريعة
  • موقع ثقافة ومعرفة
  • موقع مجتمع وإصلاح
  • موقع حضارة الكلمة
  • موقع الاستشارات
  • موقع المسلمون في العالم
  • موقع المواقع الشخصية
  • موقع مكتبة الألوكة
  • موقع المكتبة الناطقة
  • موقع الإصدارات والمسابقات
  • موقع المترجمات
 كل الأقسام | مقالات شرعية   دراسات شرعية   نوازل وشبهات   منبر الجمعة   روافد   من ثمرات المواقع  
اضغط على زر آخر الإضافات لغلق أو فتح النافذة اضغط على زر آخر الإضافات لغلق أو فتح النافذة
  •  
    من مائدة التفسير: سورة الهمزة
    عبدالرحمن عبدالله الشريف
  •  
    سورة الإخلاص وعلاقتها بالتوحيد
    الشيخ عبدالعزيز السلمان
  •  
    خطبة: علموا أولادكم الاستغفار والتوبة
    عدنان بن سلمان الدريويش
  •  
    من مشاهد القبر وأحداث البرزخ (خطبة)
    محمد موسى واصف حسين
  •  
    أحكام من أدرك وقت الصلاة فلم يصل ثم زال تكليفه
    يوسف بن عبدالعزيز بن عبدالرحمن السيف
  •  
    الهداية من أدلة اثبات وجود الخالق جل وعلا
    الشيخ عبدالله محمد الطوالة
  •  
    ثمرات قوة الإيمان بقوله سبحانه (والله على كل شيء ...
    الداعية عبدالعزيز بن صالح الكنهل
  •  
    أسباب انقطاع الرزق - أكل المال الحرام
    محمد أحمد عبدالباقي الخولي
  •  
    بيع حبل الحبلة والمضامين والملاقيح
    عبدالرحمن بن يوسف اللحيدان
  •  
    أيها المبتلى في جسده تسل باسم ربك الجبار (خطبة)
    د. صلاح عبدالشكور
  •  
    خطبة الوصية
    الدكتور علي بن عبدالعزيز الشبل
  •  
    نعمة البيوت والمساكن (خطبة)
    الشيخ د. إبراهيم بن محمد الحقيل
  •  
    سلسلة شرح الأربعين النووية: الحديث (39) «إن الله ...
    عبدالعزيز محمد مبارك أوتكوميت
  •  
    حين تمطر السماء.. دروس من قطرات الماء! (خطبة)
    محمد الشقيري
  •  
    الفطرة السليمة من أدلة إثبات وجود الخالق جل وعلا
    الشيخ عبدالله محمد الطوالة
  •  
    التسبيح والتحميد يملآن ما بين السماء والأرض
    د. خالد بن محمود بن عبدالعزيز الجهني
شبكة الألوكة / آفاق الشريعة / منبر الجمعة / الخطب / مواضيع عامة
علامة باركود

احذر مظالم الخلق (خطبة) (باللغة الهندية)

احذر مظالم الخلق (خطبة) (باللغة الهندية)
حسام بن عبدالعزيز الجبرين

مقالات متعلقة

تاريخ الإضافة: 17/10/2022 ميلادي - 22/3/1444 هجري

الزيارات: 8296

 حفظ بصيغة PDFنسخة ملائمة للطباعة أرسل إلى صديق تعليقات الزوارأضف تعليقكمتابعة التعليقات
النص الكامل  تكبير الخط الحجم الأصلي تصغير الخط
شارك وانشر

शीर्षक:

मख़लूक पर अत्‍याचार करने से बचें

 

अनुवादक:

फैजुर रह़मान हि़फजुर रह़मान तैमी


प्रथम उपदेश:

अर्थात:अल्‍लाह के मिनारों अज़ान के स्‍थान पर आप का जिक्र अनिवार्य कर दिया,जिस से हृदयों में अपार प्रेम उतपन्‍न हुआ,अल्‍लाह ने मोमिनों को आदेश दिया कि:आप पर दरूद व सलाम भेजते रहा करें


हे अल्‍लाह दरूद व सलाम और बरकत भेज मोह़म्‍मद,आप

के परिवार और आपके समस्‍त सह़ाबा पर

प्रशंसाओं के पश्‍चात


मैं आप को और अपने आप को अल्‍लाह का तक्‍़वा ईश्‍वर भक्ति अपनाने की वसीयत करता हूँ:

﴿ يَا أَيُّهَا النَّاسُ اتَّقُوا رَبَّكُمْ إِنَّ زَلْزَلَةَ السَّاعَةِ شَيْءٌ عَظِيمٌ ﴾ [الحج: 1]

अर्थात:हे मनुष्‍यो अपने पालनहार से डरो,वास्‍तव में क्‍़यामत प्रलय का भूकम्‍प बड़ा ही घोर विषय है


हे मेरे प्‍यारो एक व्‍यक्ति एक रोगी के विषय में चर्चा कर रहा था जो ---उसे कुछ वर्षों पूर्व- शेयर मार्केट के संकट के काल में लगी थी,वह इस बात पर अल्‍लाह की पशंसा कर रहा था कि उसने उस रोग के द्वारा धन की कठिनाई से फेर कर उसे अपने कष्‍ट में व्‍यस्‍त कर दिया,क्‍योंकि उसने अपने मित्र को शेयर मार्केट में एतना हानी उठाते हुए देखा कि उसकी बुद्धि जाती रही,यहां तक कि उसे मनोरोग अस्‍पताल ले जाया गया जो ताएफ नगर में शहार अस्‍पताल के नाम से प्रसिद्ध है,यह सांसारिक निर्धनता एवं दिवालियापन की स्थिति है,तो भला उखरवी दरिद्रता की क्‍या स्थिति होगी,अबूहोरैरा रज़ीअल्‍लाहु अंहु वर्णन करते हैं कि रसूलुल्‍लाह ने फरमाया: क्‍या तुम जानते हो कि मुफ्लिस दरिद्र कौन है सह़ाबा ने कहा:हम मुफ्लिस उस व्‍यक्ति को कहते हैं जिसके पास न दिरहम हो न कोई सामान-आपने फरमाया:मेरी उम्‍मत का मुफ्लिस वह व्‍यक्ति है जो क्‍़यामत के दिन नमाज़,रोज़ा और ज़कात ले कर आएगा और इस प्रकार से आएगा कि दुनिया में उसको गाली दी होगी,उस पर अपयश लगाया होगा,उसका रक्‍त बहाया होगा और उसको मारा होगा,तो उसकी नकियों में से उसको भी दिया जाएगा,और उसको भी दिया जाएगा,और यदि उस पर भार है उसकीपूर्ति से पहले उसकी सारी नेकियां समाप्‍त हो जाएंगी तो उनके पापों को ले कर उस पर डाल दिया जाएगा,फिर उसको नरक में फेंक दिया जाएगा | मुस्लिम


इस ह़दीस में मुफ्लिस का वास्‍तविक अर्थ बतलाया गया है,जो कि यह है:वह व्‍यक्ति जिस के उधारगृ‍हीता पीडि़त उस के पुण्‍य के कार्य उस से ले लेंगे


इस ह़दीस से ज्ञात होता है कि:कि़सास बदला के रूप में समस्‍त पुण्‍य भी लिए जा सकते हैं,यहां तक कि कोई भीपुण्‍य नहीं बचेगा,अल्‍लाह का शरण


अल्‍लाह के बंदो बंदो के अधिकार का मामला बड़ा गंभीर है,अबूहोरैरा रज़ीअल्‍लाहु अंहु से वर्णित है कि रसूल सलल्‍लाहु अलैहि सवल्‍लम ने फरमाया: जिस किसी ने दूसरों की मान-सम्‍मान अथवा किसी अन्‍य चीज पर अत्‍याचार किया वह उससे आज ही क्षमा मांग ले इससे पहले कि वह दिन आए जिस में दिरहम व दीनान नहीं होंगे,फिर यदि अत्‍याचारी का कोई पुण्‍य कार्य होगा तो उसके अत्‍याचार के बराबर उससे ले लिया जाएगा,यदि उसकी पुण्‍य ने हों तो पीडि़त के पाप अत्‍याचारी के खाते में डाल दिये जाएंगे | बोखारी


इस्‍लामी भाइयो अत्‍याचार एवं अन्‍याय के अनेक प्रकार हैं,इब्‍ने रजब फरमाते हैं: वह अत्‍याचार जो अवैध है,कभी प्राणों पर होता है,और उसका सबसे गंभीर और कठोर प्रकार वह है जो रक्‍त से संबंध रखता है,कभी अत्‍याचार धन पर होता है और कभी मान-सम्‍मार पर |समाप्‍त


अल्‍लाह के बंदो पीडि़त का अधिकार अत्‍याचारी के तौबा करने मात्र से समाप्‍त नहीं होता,बल्कि पीडि़त से क्ष्‍ामा कराना भी अनिवार्य है,एक मुस्लिम बंदे को काफिर अथवा मवेशी पर अत्‍याचार करने के कारण भी यातना मिल स‍कती है,सह़ी मुस्लिम में आया है: मेरे सामने नरक प्रस्‍तुत किया गया तो मैं ने उस में बनी इसराइल की एक महिला को देखा जिसे अपनी बिल्‍ली के विषय में यातना दी जा रही थी,उसने उसे बांध दिया,न उसे कुछ खिलाया पिलाया ,न उसे छोड़ा ही कि वह पृथ्‍वी के छोटे मोटे जीवों आदि खालेती


सह़ी बोखारी की मरफू रिवायत में आया है कि: जो व्‍यक्ति किसी अनुबंध वाले की हत्‍या करेगा वह स्‍वर्ग की खुशबू तक नहीं पाएगा,हालांकि स्‍वर्ग की खुशबूचालीस वर्ष की दूरी तक पहुंचती होगी


कि़सास वाली ह़दीस जिसे सुन्‍ने के लिये जाबिर बिन अ़ब्‍दुल्‍लाह रज़ीअल्‍लाहु अंहु ने एक महीने की यात्रा करके अ़ब्‍दुल्‍लाह बिन ओनैस रज़ीअल्‍लाहु अंहु से मोलाकात की,उसमें आया है कि: अल्‍लाह तआ़ला बंदों को मैदाने मह़शर मेंइकट्ठा करेगा,आप ने अपने हाथ से शाम देश की ओर इशारा किया,नंगे शरीर,नंगे पैर और बिना खतना और बदहाली की स्थिति में-वर्णनकर्ता कहते हैं:मैं ने पूछा: (بُهْمًا )का क्‍या मतलब है आप ने फरमाया:बदहाली की स्थिति में-एक आवाज लगाने वाला एतनी उूंची आवाज लगाएगा कि दूर के लोग भी उसी प्रकार से सुनेंगे जिस प्रकार से निकट के लोग,वह कहेगा:मैं الْمَلِكُ الدَّيَّانُ बदला देने वाला बादशाह हूँ-किसी भी ऐसे स्‍वर्गवासी को स्‍वर्ग में जाने की अनुमती न होगी जिस से कोई नरकवासी किसी अन्‍याय के बदले की मांग कर रहा होगा और किसी भी ऐेसे नरकवासी को नरक में प्रवेश नहीं किया जाएगा जिस से कोई स्‍वर्गवासी किसी अन्‍याय के बदले की मांग कर रहा होगा,यहां तक कि थप्‍पड़ ही क्‍यों न हो,वर्णनकर्ता कहते हैं:मैं ने पूछा: कोई अपने अत्‍याचार का बदला कैसे चुकाएगा जबकि हम नंगे शरीर,बिना खतना और बदहाली की स्थिति में होंगे आपने फरमाया:पुण्‍यों और पापों से बदला चुकाया जाएगा इसे अह़कद ने रिवायत किया है और अल्‍बानी ने सही़ कहा है


इस लिए मुसलमान पर अनिवार्य है कि वह अन्‍याय व अत्‍याचार से अपने दामन को साफ करले,अथवा तो अप्रत्‍यक्ष रूप में,अथवा किसी बुद्धिमान और विवेकपूर्ण व्‍यक्ति की सहायता से जो इसके अत्‍याचार का बदला पीडि़त तक पहुंचा सके और उससे क्षमा मांगे,यदि तौबा करने वाला व्‍यक्ति पीडि़त से क्षमा ने करा सके-‍जैसे हकदार के बारे में अथवा उसकी मृत्‍यु के विषय में उसे सह़ी ज्ञान न होपाए-तो उसके लिए अनिवार्य है कि पीडि़त के हित में कुछ पुण्‍य करले,जैसे उसके लिए दुआ़ करे,अथवा उसके लिए क्षमा प्राप्त करे और उसकी ओर से सदका करे


जिसने किसी मुसलमान पुरूष अथवा स्‍त्री पर दुनिया में बदनामी लगाई,और उस पर ह़द इस्‍लामी दंड लागू न हुआ,तो आखिरत में उसकी यातना मिल कर रहेगी,अ़करमा से वर्णित है,वह कहते हैं:एक व्‍यक्ति ने इब्‍ने अ़ब्‍बास रज़ीअल्‍लाहु अंहुमा के लिए खाना बनाया,जिस समय दासी उसके सामने काम कर रही थी,उस व्‍यक्ति ने उससे यह कहा:हे बलात्‍कारी महिला-उस पर इब्‍ने अ़ब्‍बास ने कहा:बस करो, इस बदनामी की यातना यदि संसार में तुझे नहीं मिली तो आखिरत में मिल कर रहेगी,इसे अल्‍बानी ने सह़ी कहा है


अधिकांश विद्वानों के नजदीक फजीलत वाले कार्य जैसे नमाज़,रोज़ा और ह़ज आदि से केवल छोटे पाप और अल्‍लाह के अधिकार ही क्षमा हिये जाते हैं,किंतु वह पाप जिनका संबंध बंदो के अधिकार से है,वे बिना तौबा के माफ नहीं होते और तौबा की शर्तेां में यह शामिल है कि:अन्‍याय का बदला पीडि़त तक पहुंचाया जाए


अल्‍लाह तआ़ला मुझे और आप को क़ुरान व सुन्‍नत की बरकत से धन्‍य करे,उनमें जो आयत और हि़कमत नीति की बात है,उससे हमें लाभान्वित करे,आप अल्‍लाह से क्षमा प्राप्‍त करें,नि:संदेह वह अति क्षमा प्रदान करने वाला है


द्वतीय उपदेश:

बंदों के अधिकारों का बड़ा महत्‍व है और उनका मामला बड़ा गंभीर है,ह़दीस में आया है: शहीद के सारे पाप माफ कर दिये जाएंगे सिवायकर्ज़ के मुस्लिम ,आप कल्‍पना करें कि शहादत से शराब पीना और बलात्‍कार करना आदि पाप माफ होजाते हैं किंतु लोगों के अधिकार माफ नहीं होते


सह़ीह़ैन बोखारी व मुस्लिम में अबूहोरैरा रज़ीअल्‍लाहु अंहु ये वर्णित है,उन्‍हों ने बयान किया कि जब खैबर विजय हुआ तो माले गनीमत में सोना और चांदी नहीं मिला था बल्कि गाय,उूंट,सामान और बगीचे मिले थे फिर हम रसूलुल्‍लाह सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम के साथ القریٰघाटी की ओर लौटे,आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम के साथ एक मुदइ़म नाम का दास था जो बनी ज़बाब के एक सह़ाबी ने आप को उपहार में दिया था,वह नबी सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम का कजावा उतार रहा था कि किसी अज्ञात दिशा से एक तीर आ कर उनको लग कया,लोगों ने कहा बधाई हो:शहादत किंतु आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने फरमाया कि कदापि नहीं,उस हस्‍ती की कसम जिस के हाथ में मेरा प्राण है जो चादर इसने खैबर में बंटवारे से पहले माले गनीमत में से चुराई थी वह इस पर अग्नि का ज्‍वाला नब कर भड़क रही है,यह सुन कर एक अन्‍य सह़ाबी एक अथवा दो तस्मे ले कर आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम के सेवा में उपस्थित हुआ और कहा कि यह मैं ने उठा लिया था,आप सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने फरमाया कि य‍ह भी नरक का तस्मा बनता


अल्‍लाह के बंदो मखलूक पर अत्‍याचार व अन्‍याय करना अति गंभीर कार्य है,इमाम तबरी अल्‍लाह तआ़ला के फरमान:

﴿ يَوْمَ يَفِرُّ الْمَرْءُ مِنْ أَخِيهِ, وَأُمِّهِ وَأَبِيهِ وَصَاحِبَتِهِ وَبَنِيهِ ﴾ [عبس: 34 - 36]

की व्‍याख्‍या में लिखते हैं:" मनुषय अपने इन सारे परिजनों से भागेगा इस डर से कि कहीं वे उन अत्‍याचारों और अधिकारों की मांग न करे जो उसके और उन परिजनों के बीच थे"


बल्कि आप गौर करें कि नबी ने अल्‍लाह तआ़ला के पूर्ण न्‍याय की सूचना किन शब्‍दों में दी है,ह़दीस में आया है: क्‍़यामत के दिन तुम सब हकदारों के अधिकार उनको अदा करोगे,यहां तक कि उस बकरी का बदला भी जिस के सींग तोड़ दिये गए होंगे,सींगों वाली बकरी से पूरा पूरा बदला लिया जाएगा


जब जानवरों के बीच न्‍याय इस प्रकार से होगा तो मनुष्‍यों का किया होगा दूसरी ह़दीस में आया है: अल्‍लाह तआ़ला अपनी मखलूकों अर्थात जिन व मनुष्‍यों और जानवरों और समस्‍त मखलूकों को इकट्ठा करेगा,उनकी बीच अल्‍लाह के निर्णय का यक आलम होगा कि उस बकरी का बदला भी जिस के सींग तोड़ दिये गए होंगे,सींगों वाली बकरी से पूरा पूरा लिया जाएगा,फिर अल्‍लाह तआ़ला हैवानों को फरमाएगा कि मिट्टी हो जाओ,उस समय काफिर कहेगा: हाए काश मैं भी मिट्टी हो जाता (السلسلة الصحيحة للألباني).


आप पर दरूद व सलाम भेजते रहें

صلى الله عليه وسلم.

 





 حفظ بصيغة PDFنسخة ملائمة للطباعة أرسل إلى صديق تعليقات الزوارأضف تعليقكمتابعة التعليقات
شارك وانشر

مقالات ذات صلة

  • احذر مظالم الخلق (خطبة)
  • خطبة احذر مظالم الخلق (باللغة الأردية)
  • الله الستير (خطبة) (باللغة الهندية)
  • احذر مظالم الخلق (خطبة) (باللغة النيبالية)
  • احذر مظالم الخلق (خطبة) - باللغة البنغالية

مختارات من الشبكة

  • حديث القرآن عن خلق الأنبياء عليهم السلام(مقالة - آفاق الشريعة)
  • فقه الإحسان (5) الإحسان إلى الخلق(مقالة - موقع الشيخ إبراهيم بن محمد الحقيل)
  • أقسام التوحيد(مقالة - آفاق الشريعة)
  • تذكير أهل الديانة بخلق الأمانة(مقالة - آفاق الشريعة)
  • كان - صلى الله عليه وسلم - خلقه القرآن(مقالة - موقع الشيخ أ. د. عرفة بن طنطاوي)
  • مفهوم الإنسانية الحقة، في ميزان الله والخلق(مقالة - ثقافة ومعرفة)
  • الحيرة بين الجمال والخلق(استشارة - الاستشارات)
  • الفطرة الإنسانية في القرآن الكريم وأبعادها الفقهية(مقالة - آفاق الشريعة)
  • مكارم الأخلاق على ضوء الكتاب والسنة الصحيحة(مقالة - آفاق الشريعة)
  • خطبة: ثمرات وفضائل حسن الخلق(مقالة - آفاق الشريعة)

 



أضف تعليقك:
الاسم  
البريد الإلكتروني (لن يتم عرضه للزوار)
الدولة
عنوان التعليق
نص التعليق

رجاء، اكتب كلمة : تعليق في المربع التالي

مرحباً بالضيف
الألوكة تقترب منك أكثر!
سجل الآن في شبكة الألوكة للتمتع بخدمات مميزة.
*

*

نسيت كلمة المرور؟
 
تعرّف أكثر على مزايا العضوية وتذكر أن جميع خدماتنا المميزة مجانية! سجل الآن.
شارك معنا
في نشر مشاركتك
في نشر الألوكة
سجل بريدك
  • بنر
  • بنر
كُتَّاب الألوكة
  • تكريم طلاب الدراسات الإسلامية جنوب غرب صربيا
  • ختام الندوة التربوية لمعلمي رياض الأطفال المسلمين في البوسنة
  • انطلاق سلسلة محاضرات "ثمار الإيمان" لتعزيز القيم الدينية في ألبانيا
  • أكثر من 150 مشاركا يتعلمون مبادئ الإسلام في دورة مكثفة بمدينة قازان
  • انطلاق فعاليات شهر التاريخ الإسلامي 2025 في كندا بمشاركة واسعة
  • أطباء مسلمون يقودون تدريبا جماعيا على الإنعاش القلبي الرئوي في سيدني
  • منح دراسية للطلاب المسلمين في بلغاريا تشمل البكالوريوس والماجستير والدكتوراه
  • مبادرة "زوروا مسجدي 2025" تجمع أكثر من 150 مسجدا بمختلف أنحاء بريطانيا

  • بنر
  • بنر

تابعونا على
 
حقوق النشر محفوظة © 1447هـ / 2025م لموقع الألوكة
آخر تحديث للشبكة بتاريخ : 17/4/1447هـ - الساعة: 13:40
أضف محرك بحث الألوكة إلى متصفح الويب